आंख में लगी चोट तो मुक्केबाज से निशानेबाज बन गईं मनु भाकर, अब गोल्ड जीत रही हैं
भारत की निशानेबाज मनु भाकर ने गुरुवार को शूटिंग्स विश्व कप फाइनल में स्वर्ण पदक जीता है। 17 साल की मनु 244.7 के जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में शीर्ष पर रहीं। इसके साथ ही वह आईएसएसएफ विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली हिना सिद्धू के बाद दूसरी भारतीय निशानेबाज बन गईं। मनु ने अपना पहला गोल्ड मेडल पिछले साल मेक्सिको में हुए इंटरनेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीता था। मनु इस इंवेंट में एक ही दिन में दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। पहला गोल्ड मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल (महिला) कैटेगरी में जीता था और दूसरा गोल्ड 10 मीटर एयर पिस्टल (मिक्स इवेंट) में हासिल किया था। 2018 में एक दिन में शूटिंग में दो गोल्ड जीत कर 16 साल की मनु ने नया रिकॉर्ड बना दिया था। वह ऐसा करने वाली वो सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी बनीं थी।

हरियाणा में झज्जर जिले की रहने वाली मनु निशानेबाज पहले एक मुक्केबाज थीं, लेकिन आंख में चोट लगने की वजह से उसने मुक्केबाजी छोड़ दी, लेकिन खेल के प्रति अपना जज्बा कम नहीं होने दिया और शूटिंग में करियर बनाया।
 

शस्त्र लाइसेंस न बनने से हुई थी परेशानी
मनु की मां ने बताया था कि प्रैक्टिस करने के लिए विदेश से एक गन मंगवाने के लिए उसे पिस्टल लाइसेंस की जरूरत पड़ी थी, लेकिन झज्जर जिला प्रशासन ने उनके लाइसेंस के आवेदन को रद्द कर दिया था। लेकिन बाद में जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद सरकार के संज्ञान में आया तो प्रशासन द्वारा की गई त्वरित जांच में फाइल संबंधित त्रुटि मिलने के बाद उसे दूर करते हुए उन्हें सप्ताह भर में ही लाइसेंस जारी कर दिया था।